भागवत कथा से मिलती है मुक्ति: प्रसून जी महाराज

संवादसहयोगी,कोडरमा:जबमानवकेजन्मजन्मांतर,कल्पकल्पातरएवंयुगयुगांतरकेपुण्यउदयहोतेहैतबसत्संगअर्थातभागवतकथासुननेकाअवसरप्राप्तहोताहै।भागवतकथासुननेसेमानवकोमुक्तिमिलतीहै।उक्तबातेंजिलामुख्यालयस्थितध्वजाधारीधाममेंचलरहेश्रीराधाकृष्णश्रीनंदीश्वरभगवानश्रीकर्दमऋषिएवंरामानंदाचार्यप्राणप्रतिष्ठातमकमहायज्ञकेतीसरेदिनकथावाचकबालव्यासप्रज्ञाशुक्ल(प्रसूनजी)नेकही।महाराजनेकहाकिभागवतजीकेरसपानसेमानवकोभक्ति,ज्ञान,वैराग्य,त्यागएवंपरमतत्वकीप्राप्तिहोतीहै।उन्होंनेआजकलिकालमेंमानवकोचौरासीलाखयोनियोंसेछुटकारापानेकाबसएकसाधनसत्संगकोबताया।उन्होंनेकहाकिरामनामकेजपसेहीकलयुगमेंलोगोंलोगोंकामानवजीवनरूपीवैतरनीपारलगजाएगी।

कलयुगकेवलनामअधारा।सुमिरिसुमिरिनरउतरहिपारा..भजनकेमाध्यमसेहीमानवसंसारसागरकोपारकरसकताहै।कहतेहैकिजोफलसतयुगमें,त्रेतायुगमें,द्वापरयुगमेंमानवकोयज्ञकरके,तपकरके,ध्यानकरके,समाधिलगाकेमिलताथाआजकलिकालमेंवहीफलकुछपलकेसत्संगसेमिलजाताहै।जिसकोजीवनमेमिलासत्संगहैउसकोहरघड़ीआनंदहीआनंदहै।कथासुननेकेलिएविभिन्नक्षेत्रोंसेकाफीसंख्यामेंमहिलापुरुषएवंबच्चेशामिलहोरहेहैं।कथाकेबीचबीचमेंभगवानश्रीकृष्णकेजयकारोंसेपूराक्षेत्रगुंजायमानहोतारहा।कथाकेउपरांतभव्यआरतीकाआयोजनकियागयाजिसमेंसैकड़ोंमहिलाएवंपुरुषशामिलहुए।कार्यक्रमकोसफलबनानेमेंव्यवस्थापकमनोजकुमारझुन्नू,उदयसिंह,शंकरसिंह,रामचंद्रयादव,यमुनायादव,प्रेमसाव,मनोजयादव,अरुणकुमारसिन्हा,शंकरसिंह,मंटूविश्वकर्मा,अशोकयादव,सुनीलयादव,दिनेशमोदी,गजेंद्रराम,जनसनयादव,मुन्नाराम,प्रेमकुमार,मनीषकुमार,टिकूकुमार,चंदनकुमार,सुजीतसिंह,महेशयादव,सुखदेवयादव,सहदेवपांडे,राजेशपांडे,सत्यानंदपांडेआदिलगेरहे।रासलीलाकाआयोजन

कोडरमा:कथासमाप्तिकेउपरांतवृंदावनसेआएकलाकारोंकेद्वारारासलीलाकाआयोजनकियागया,जिसमेंकाफीसंख्यामेंमहिलाएवंपुरुषशामिलहोकररासलीलाकाआनंदलिया।इसदौरानलगातारहोरहेमंत्रोच्चारणएवंभगवानश्रीरामकेजयकारोंभगवानश्रीकृष्णकेजयकारोंसेपूराक्षेत्रगुंजायमानहोतारहा।