बिहार में राजद की बैसाखी को थाम सबसे बुरे दौर से गुजर रही है कांग्रेस, जानिए
पटना[अरुणअशेष]।बिहारमेंकांग्रेससबसेबुरेदौर सेगुजररहीहै।1996केबाद लगातारराजदकेसहारेचलरही पार्टीमेंइतनाआत्मविश्वासनहीं बचाहैकिसहयोगीदलोंकेसाथअपनीशर्तोंकोलेकर आमने-सामनेबैठकरबातचीतकरसके।नतीजासामने है।
1950के प्रोविंसियलएसेंबली केचुनावसेअबतक यहपहलामौकाहैजबऔरंगाबादलोकसभाक्षेत्रमेंकांग्रेस काउम्मीदवारचुनावनहींलड़रहाहै।राजदनेबिनाउससे सलाहकिएसहयोगीहिंदुस्तानीअवाममोर्चा(सेक्युलर) कोयहसीटदेदी।औरंगाबादकांग्रेसकेलिएप्रतीकहै।
दोउपचुनावकेसाथइसलोकसभाक्षेत्रमेंअबतक18चुनावहुए।उनमेंनौबारसत्येंद्रनारायण सिन्हायाउनकेपरिजनोंकीजीतहुई।बेटिकटहुए निखिलकुमारउन्हींकेपुत्रहैं।मजबूरीऐसीकि अपनीप्रतिक्रियातकजाहिरनहींकरसके।
ऐसानहींहैकिइनवर्षोंमेंकांग्रेसनेअपनेपैर परचलनेकीकोशिशनहींकी।2009मेंएक बारलड़खड़ाकरगिरीतोफिरसाहसनहींजुटापाई।ऐसी हालतएकदिनमेंनहींबनी।2000केविधानसभाचुनाव मेंकांग्रेस24सीटोंपरजीतीथी।
कांग्रेसकोस्वतंत्रपहचान बनानेकाअवसरमिलाथा,लेकिनउसअवसरकोउसने सुविधाकेहवालेकरदिया।24मेंसे22विधायकराबड़ी देवीकीसरकारमेंमंत्रीबनगए।एककोविधानसभा अध्यक्षकीकुर्सीमिलगई।एकविधायकनेमंत्रीपद इसलिएठुकरायाकिउन्हेंराज्यमंत्रीक्योंबनायाजारहाहै। सुविधाभोगनेकीइसप्रवृत्तिनेपार्टीकोतबाहकरदिया।
ताजाहालयहहैकिमहागठबंधनमेंउसेलोकसभा कीसिर्फनौसीटेंऑफरकीगईं।राज्यसभाकीएकसीट काभीऑफरदियागया,ताकिइसकेनामपरबड़े-बड़े कांग्रेसीसालभरराजदनेताओंकीगणेशपरिक्रमाकरतेरहें। लोकसभाकीनौसीटोंमेंभीकांग्रेसकोपसंदकाअधिकार नहींदियागया।सीटोंकीयहसंख्याशायद2014केचुनाव परिणामकेआधारपरतयकीगई।
उसचुनावमेंराजदने कांग्रेसको12सीटेंदीथीं।उम्मीदवारोंकीतलाशहुईतो पताचलाकिकांग्रेसकेपासलड़नेलायकचेहरेहैंहीनहीं। राजदनेतीनउम्मीदवारउधारमेंदिएथे।हालतमेंसुधार नहींहुआहै।इसबारभीबाहरसेउम्मीदवारलेनेपड़रहे हैं।भाजपासांसदकीर्तिआजादइसकेश्रेष्ठउदाहरणहैं।
कांग्रेसजिसदरभंगालोकसभासीटकोपरंपरागतबतारही है,उसपर1980केबादउसकीकभीजीतहीनहींहुई। 1984केलहरमेंभीकांग्रेसकेउम्मीदवारऔरतत्कालीन केंद्रीयराज्यमंत्रीहरिनाथमिश्रहारगएथे।
यहीहालपूर्णिया काहै।वहांसेकांग्रेसनेभाजपाकेपूर्वसांसदउदयसिंहउर्फपप्पूसिंहकोउम्मीदवारबनायाहै।पूर्णियामेंकांग्रेस कीमाधुरीसिंह1984मेंअंतिमचुनावजीतीथीं।वहपप्पू सिंहकीमांथीं। 1990मेंसत्तासेदूरहुईकांग्रेस1995केचुनावमें विधानसभामेंविपक्षकादर्जागंवाबैठी।तीसरेनंबरकी पार्टीरहीभाजपाउसचुनावमेंविपक्षमेंआगई।इसके बावजूदकांग्रेससचेतनहींहुई।
भाजपानेनसिर्फउससे विपक्षकादर्जाछीना,बल्किधीरे-धीरेवहउसकेजनाधार परभीकाबिजहोतीचलीगई।सवर्णभाजपाकीओरचले गए।पिछड़ेऔरअल्पसंख्यकसमाजवादीधाराकीपार्टियों सेजुड़गएऔरअनुसूचितजातियांअलग-अलगदलों केसाथचलीगईं।ले-देकरकांग्रेसकेपासउम्मीदवारों कीबिरादरीऔरप्रभावकेदायरेमेंआनेवालेलोगरह गए।
हाल-फिलहालतीनराज्यों(मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ औरराजस्थान)मेंविधानसभाचुनावजीतनेकेबावजूद बिहारमेंकांग्रेसकेजनाधारकाविस्तारनहींहुआ।इसीतीनफरवरीकोगांधीमैदानमेंआयोजितकांग्रेसकीरैलीमेंभीड़ जुटानेकाश्रेयनिर्दलीयविधायकअनंतसिंहकोदियाजा रहाहै।अनंतकभीकांग्रेसीनहींरहे,बसमुंगेरसेटिकटकी उम्मीदमेंकांग्रेसपरअहसानकरदिया।