होली मिलन काव्यगोष्ठी में गूंंजी कवियों की वाणी

संसू,हाथरस:सिकंदराराऊमेंभाईचारासेवासमितिएवंविमलसाहित्यसंवर्धकसंस्थाकेतत्वावधानमेंदीग्लोबलइण्डियासोसायटीकार्यालयपरहोलीमिलनकाव्यगोष्ठीकाआयोजनहुआ।

अवनीशयादवनेसरससरस्वतीवंदनाप्रस्तुतकी।हाथरससेपधारेचाँदहुसैनचाँदनेपढ़ा-'अगरवोहँसजाएं,तोरिश्ताजोड़लेंगेहम,नईगरमिलजाए,पुरानीछोड़देंगेहम।'

अलीगढ़केनिर्मलशर्मानेपढ़ा-

'मेधावीव्यक्तित्वऔरसुंदरसंरचना

हेमानवईश्वरकीहोतुमअद्भुतरचना।'इगलासकेगाफिलस्वामीनेसुनाया-'मौसममेंदिखनेलगा,मित्रफागुनीरंग,तन-मनपरहावीहुआ,होलीकाहुड़दंग।'आगरासेपधारीकवयित्रीयशोधरायादव'यशो'नेहोलीकोसमर्पितपढ़ा,'बाँधकरखुशियाँसिरहानेआगयाफागुन,मनमेंबासंतीफुहारेंआगयाफागुन।'

अलीगढ़सेपधारेमनोजनागरनेपढ़ा-'जाति-धर्मकीबाढ़में,डूबेसदव्यवहार,सिसकरहींसंवेदना,मानवतालाचार।'अलीगढ़केकविप्रदीपचौहाननेपढ़ा-'दिलकिसीकादुखानेसेक्याफायदा,आगदिलमेंलगानेसेक्याफायदा।'जलेसरकेअकबरसिंहअकेलानेपढ़ा-'जैजैजैश्रीकृष्णकह,जैजैश्रीबलराम,लेहुअकेलाकासभी,सादरसहितप्रणाम।'

अवशेषविमलनेपढ़ा-,कल्पनासेपरेहैंतुम्हारेनयन,भावनासेभरेहैंतुम्हारेनयन।'

अध्यक्षताजहीरुद्दीनपीरजादाऔरसंचालनअवशेषकुमारविमलनेकिया।मुख्यअतिथियोगेंद्रकुमारक्राइमनिरीक्षकएवंभाईचारासेवासमितिकेराष्ट्रीयअध्यक्षमहेशयादवसंघर्षीरहे।विशिष्टअतिथिहरपालसिंहयादवएवंसंजयसिंहरहे।

श्योराजसिंहयादव,ललितमोहनभारद्वाज,विवेकयादव,शशांकवाष्र्णेय,आनन्दवर्मा,हरीशयादव,अर्चनायादव,राजमालायादव,साधनासिंह,पुष्पायादव,राजेशयादवउपस्थितरहे।