IIT खड़गपुर के प्रोफेसर की रिसर्च, भू-जल में कमी के कारण सूख रही गंगा

कोलकाता:एशियामेंविभिन्नक्षेत्रोंसेगुजरनेवाली26000किलोमीटरलंबीगंगानदीकेकईनिचलेहिस्सोंमेंपिछलीकुछगर्मियोंमेंपानीकेस्तरमेंअभूतपूर्वकमीआईहै.आईआईटीखड़गपुरकेएकप्रोफेसरकेनेतृत्वमेंकिएअध्ययनमेंयहपायागयाहै.‘नेचरपब्लिशिंगग्रुप’की‘साइंटिफिकरिपोर्ट’मेंयहअध्ययनप्रकाशितकियागया.

आईआईटीखड़गपुरकीओरसेजारीएकबयानकेअनुसारनिष्कर्षतकपहुंचनेकेलिएगंगामेंभूजलस्तरकीउपग्रहछवियोंकेएकसंयोजन,संख्यात्मकअनुकरणऔररासायनिकविश्लेषणकाइस्तेमालकियागया.

आईआईटीखड़गपुरमेंभूविज्ञानकेसहयोगीप्रोफेसरअभिजीतमुखर्जीनेकनाडाकेशोधकर्तासौमेंद्रनाथभांजाऔरऑस्ट्रियाकेआईआईएसएकेयोशिहीदीवाडाकेसाथमिलकरयहअध्ययनकिया.बयानकेअनुसारइन्होंनेपायाकिहालियावर्षोंमेंग्रीष्मकालीनमौसमकेदौराननदीकेसूखनेकाकारणसंभवतःगंगामेंभूजलकीकमीसेसंबंधितहोसकताहै.उसनेकहाकिभूजलकीकमीसेनदीकीस्थितिप्रभावितहोरहीहै.

रिसर्चमेंकहागयाहै,”हालकेवर्षोंमेंगर्मियोंमें(प्रीमानसून)पिछलेकईदशकोंमेंपानीकेजलस्तरमेंकमीदेखीगईहै.गंगानदीमेंपानीकाजलस्तर-0.5से-38.1सेमीप्रतिवर्षकमी1999और2013केबीचकेसालोंकीगर्मियोंमेंआईहै.दूसरेशब्दोंमेंकहेंतोदोनोंइन-सीटूऔररिमोटसेंसिंगअवलोकनकेमाध्यमसेदेखनेपरस्टडीकेमुताबिकप्री-मानसूनसेपहलेस्टडीकेपीरियडमेंगंगाकेपानीमेंभारीकमीदेखीगई.स्टडीकेमुताबिक,ग्राउंडवाटरमेंकमीआनेसेबेसफ्लोसेगर्मियोंमेंनदीसूखनेलगतीहै.

येस्टडीसाल2015-17मेंकीगई.रिपोर्टमेंकहागयाहै”गर्मियोंकाअवलोकनपिछलेसालोंमेंसूखरही,स्टडीमेंगंगाएकबड़ेसंकटकीओरखड़ीहै.संभवतःइसक्षेत्रमेंआनेवालेसतहीजलसंकटकीआहटहै.भारतीयउपमहाद्वीपमेंपहलेसेहीपूर्वअनुमानित‘भूजलसूखे’केसाथयेसमस्याभीगंभीरहै.

बतादेंइससालमईमेंचिलमिलातीगर्मीमेंइलाहाबादकेपासफाफामऊमेंपानीइतनाकमहोगयाकिलोगइसेआसानीचलतेहुएपारकरसकतेहैं.गंगामेंलगातारघटताहुआजलस्तरचिंताकाविषयहै.गंगामेंपानीइतनाघटगयाथाकियहांनावेंचलनाबंदकरदीगईथीं.वहीं,गंगाकेपानीमेंहरिद्वारसेलेकरबंगालकीखाड़ीतकपीनेयोग्यपानीकानहींहोनाबड़ामुद्दाहै.गंगामेंपर्याप्तपानीरहनेसेहीगंगाबचीरहसकतीहै.