कैसे महिलाएं खुद को समझें सुरक्षित जब डराने वाले हैं उनके खिलाफ अपराध के आंकड़े

नईदिल्‍ली[जागरणस्‍पेशल]।भारतीयइतिहासमें 16दिसंबर2012कादिनकिसी कालेअध्‍यायसेकमनहींहै।16दिसंबरकीरातकोदिल्‍लीके वसंतविहारइलाकेमेंएकचलतीबसमेंछहदरिंदोंनेएकयुवतीकेसाथशर्मसारकरदेनेवालीघटनाकोअंजामदियाथा।इसकीगूंज भारतसेबाहरभीसुनीगईथी।दुनियाभरकीमीडियानेइसपूरेप्रकरणकोपूरीप्राथमिकतासेछापाथा।देशकीराजधानीमेंइसघटनाकेबाद कईदिनोंतकधरनाप्रदर्शनकादौरचलाथा।आजइसघटनाकोपूरेसातवर्षबीतगएहैं,लेकिनतबकेऔरअबकेहालातमें कोईखासफर्कनहींआयाहै।हालही मेंहैदराबादमेंएकमहिलाडॉक्‍टरकेसाथहुएसामूहिकदुष्‍कर्मऔरउसकोजलादेनेकीघटना नेफिरसेदेशकोशर्मसारकियाहै।

हररोजसामनेआतेहैंदुष्‍कर्मके90मामले

इसतरहकेबढ़तेमामलोंकीतस्‍दीकदेशभरमेंदर्जदुष्‍कर्मकेमामलेभीकररहेहैं।आंकड़ोंकीमानेंतोदेशमेंहररोजदुष्‍कर्मके90मामलेदर्जकिएजातेहैं।वर्ष2017मेंदुष्‍कर्मके32500मामलेदर्जकिएगए।यहआंकड़ेहमारेसमाजकीमानसिकताकोदर्शानेकेलिएकाफीहैं।यहआंकड़ेइसलिएभीकाफीभयावहहैंक्‍योंकिदुष्‍कर्मकेदर्जहुएमामलोंकानिपटाराहोनेमेंयहांपरकईवर्षलगजातेहैं।वसंतविहारदुष्‍कर्ममामलेमेंहीसातवर्षबादभीदोषियोंकोफांसीनहींदीजासकीहै।यहहालतबहैजबइसमामलेमेंनिचलीअदालतनेफास्‍टट्रैककोर्टकेमाध्‍यमसेमहजछहमाहमेंहीपांचआरोपियोंकोदोषीकरारदेतेहुएफांसीकीसजासुनाईथी,जबकिएकअन्‍यकोजुवेनाइलकोर्टनेदोषीठहरायाथा।

2013मेंहाईकोर्टनेसुनाईथीमौतकीसजा

वर्ष2013मेंदिल्‍लीहाईकोर्टनेसभीदोषियोंकीसजापरमुहरलगाईथी।सुप्रीमकोर्टभीदोषियोंकोमिलीफांसीकीसजाकोसहीकरारदेचुकाहै।इसकेबादइन्‍हें अबतकफांसीनहींदीजासकीहै। हालांकि इसकेपीछेकानूनीअड़चनहै। संविधानविशेषज्ञडॉक्‍टरसुभाषकश्‍यपकाकहनाहैकिजबतकदोषियोंकेपासअंतिमविकल्‍पमौजूदहैतबतकउन्‍हेंफांसीनहींदीजासकतीहै।वेमानतेहैंकिदेशकेकानूनमेंकुछसुधारहोनाबेहदजरूरीहै। आपकोबतादेंकिमामलेमेंदोषीठहराएगएएकनेतिहाड़मेंहीखुदकोफांसीलगालीथी।यहकेवलएकमामलेकाहालहै।वर्ष2017तकदेशमेंदुष्‍कर्मकेकरीब127800लंबितथे,जबकिमहज18300मामलोंकानिपटाराकियागयाथा।

क्‍याकहतेहैंएनसीआरबीकेआंकड़े

नेशनलक्राइमरिकॉर्डब्‍यूरोकेआंकड़ोंकेमुताबिकमहिलाओंसेजुड़ेअपराधोंमेंकईराज्‍यकाफीआगेहैं।वर्ष2017मेंपश्चिमबंगालमेंजहां30992मामलेदर्जहुएवहींउत्‍तरप्रदेशमेंइसदौरानमहिलाओंकेखिलाफदर्हअपराधोंकीसंख्‍या56011थी।इसकेअलावातेलंगानामें17521,राजस्‍थानमें25993,ओडिशामें20098,महाराष्‍ट्रमें31979,मध्‍यप्रदेशमें29788,केरलमें11057,कर्नाटकममें14078,हरियाणामें11370,बिहारमें14711,असममें23082औरआंध्रप्रदेशमें17909मामलेदर्जहुए।देशकीराजधानीकीयदिबातकरेंतो13076मामलेवर्ष2017मेंदर्जकिएगएथे।2017मेंहीदेशभरमेंमहिलाओंकेखिलाफहुएअपराधोंकीसंख्‍याकीयदिबातकरेंतो359849थी।केंद्रशासितप्रदेशोंमेंजहांदिल्‍लीसबसेऊपरथीवहींराज्‍योंमेंउत्‍तरप्रदेशमहिलाओंसेजुड़ेअपराधोंकेमामलेमेंसबसेऊपरथा।

पुलिसकर्मियोंकीकमी

अबजरादेशमेंकानूनव्‍यवस्‍थासंभालनेवालीपुलिसकाभीजिक्रयहांपरकरलेतेहैं।पुलिसइसतरहकेमामलोंकाजल्‍दनिपटाराकरनेमेंबड़ीभूमिकानिभातीहै।लेकिनअफसोसकीबातहैकिदेशकेकईराज्‍यऔरकेंद्रशासितप्रदेशइनकीकमीसेजूझरहेहैं।आपकेाबतादेंकि देशभरमेंपुलिसकेकुल5.28लाखपदरिक्तहैं।इसमेंसबसेअधिकउत्‍तरप्रदेशमेंहैं,जहांपुलिसकर्मियोंकीसंख्‍यामें1.29लाखपद रिक्‍तहैंजबकि,यहांपुलिसबलमेंअनुमोदितपदोंकीसंख्या4,14,492है। वहींबिहारमें1,28,286स्वीकृतपदहैंजबकि50,000पदरिक्‍तहैं।इसकेअलावापश्चिमबंगालमें स्वीकृतपदोंकीसंख्या1,40,904हैजबकि, 49,000पदरिक्तहैं।तेलंगानामें76,407पदस्वीकृतहैंजबकि30,345रिक्तपदहैं।गृहमंत्रालयकेआंकड़ोंकीमानेंतोसभीराज्योंकेपुलिसबलोंमें23,79,728स्वीकृतपदहैं।वर्ष2018तकइनमेंसे18,51,332पदोंको1जनवरीतकभरलियागयाथा।

जजोंकीसंख्‍याबेहदकम

पुलिसकेबाददुष्‍कर्मकेमामलोंकोनिपटानेमेंहोरहीदेरीकीसबसेबड़ीवजहजजोंकीसंख्‍याकाकमहोनाहै।दरअसल,पूरेदेशकीअदालतोंमेंउतनेजजनहींहैंजितनेवहांपरस्‍वीकृतहैं।दिल्‍लीकीहीबातकरेंतोयहांहाईकोर्टमेंजजोंकेस्‍वीकृतपद70हैंजबकिवर्तमानमेंकेवल38हीजजयहांपरनियुक्‍तहैं।इसकेअलावाइलाहाबादहाईकोर्टकीबातकरेंतोयहांपरजजोंकीस्‍वीकृतसंख्‍या160है।इनमें76स्थायीऔर84अतिरिक्तजजशामिलहैं।वर्तमानमेंयहांपरजजोंकीसंख्‍या117होचुकीहै।इसकेबादभी43पदरिक्‍तहैं।

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