सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतिमूर्ति थे गांधी जी

सुपौल।राष्ट्रपितामहात्मागांधीकी73वींपुण्यतिथिजिलाकांग्रेसकार्यालयमेंबलिदानदिवसकेरूपमेंमनाईगई।जिलाकांग्रेसकमेटीकेअध्यक्षप्रो.विमलकुमारयादवकीअध्यक्षतामेंआयोजितपुण्यतिथिसमारोहमेंउपस्थितकांग्रेसजनोंनेगांधीजीकेचित्रपरमाल्यार्पणएवंपुष्पांजलिअर्पितकरउन्हेंभावभीनीश्रद्धांजलिदी।तत्पश्चातसर्वधर्मप्रार्थनासभाकाआयोजनकियागया।जिसमेंउपस्थितकांग्रेसजनोंनेउनकेप्रियभजनरघुपतिराघवराजारामकागायनकिया।समारोहकोसंबोधितकरतेहुएजिलाअध्यक्षनेकहाकिराष्ट्रपितामहात्मागांधीकेनेतृत्वमेंचलाएगएस्वतंत्रताआंदोलनदेखतेहीदेखतेजनआंदोलनकारूपलेलिया।परिणामरहाकिहमारादेशस्वतंत्रहोगया।कहाकिगांधीजीसंप्रदायिकसछ्वावकेप्रतिमूर्तिथे।जिन्होंनेइसदेशमेंसांप्रदायिकएकताकीनींवरखीजिसेअभीतकइसदेशकेलोगोंनेबरकराररखाहै।वर्तमानसमयमेंकुछसांप्रदायिकताकतेंदेशकीअखंडताएवंएकताकोछिन्न-भिन्नकरनेमेंजुटीहैं।गांधीजीकीहत्याकरनेवालोंकीविचारधारावालेकुछलोगसंसदमेंप्रतिनिधित्वकररहेहैंऔरगोडसेकोमहानदेशभक्तकीसंज्ञादेकरगांधीजीकोअपमानितकरनेकीसाजिशरचरहेहैंजोदुर्भाग्यपूर्णहै।इससेदुर्भाग्यपूर्णबातयहहैकिवर्तमानशासकपक्षभीइसकेहिमायतीबनेहुएहैं।मौकेपरनरेशकुमारमिश्र,जियाउररहमान,संजीवकुमारयादव,मोसगीरआलम,मोईदमोहम्मद,मोतय्यबहुसैन,मंजूदेवी,हिलेरियससिंह,कोशल्यानंदन,तरुण,यूनुस,ललितादेवी,विमलयादव,जयप्रकाशचौधरी,पितांबरपाठक,मोतीराम,सावित्रीदेवी,अभयतिवारी,लक्ष्मणझानन्हे,जगदीशविश्वास,जमीलअनवर,महेशपांडेसमेतदर्जनोंकांग्रेसजनउपस्थितथे।