शुद्ध पेयजल की तलाश में दर-दर भटक रहे लोग
बेतिया।वैसेजलकेबिनाजीवनकीकल्पनानहींकीजासकतीहै।लेकिनगर्मीकेदिनोंमेंजलकामहत्वऔरभीबढ़जाताहै।ऐसीस्थितिमेंशहरकेसार्वजनिकजगहोंपरलगाएगएनलवचापाकलकेवलदिखावाकीवस्तुबनकररहगएहैं।वैसेतोशहरकेसार्वजनिकस्थानोंपरचापाकललगाएगएहैं।लेकिनयहकईमहीनोंसेबंदपड़ेहैंतोकहींकापानीपीनेयोग्यनहींहै।ऐसेमेंलोगोंकोशुद्धपेयजलकेलिएइधर-उधरभटकनापड़ताहैऔरऐसेमेंशहरमेंआएलोगोंकोदुकानोंसेपानीखरीदकरपीनेकीविवशताहोजातीहै।कईसार्वजनिकजगहोंपरमंदिरपरिसर,बसस्टैंड,चौकचौराहेपरतीनचारचापाकलवनललगाएगएहैं।लेकिनउनमेंसेएकदोसेहीपानीमिलपाताहै।नतीजतनलोगोंकोशुद्धपेयजलकेलिएसार्वजनिकजगहोंपरलाइनलगानापड़ताहै।अन्यथादुकानोंसेखरीदकरपीनापड़ताहै।दुर्गाबागमंदिरपरिसरमेंचारचापाकललगायेगएहैं।लेकिनएकचापाकलसेशुद्धपेयजलमिलपाताहै।जहांलोगोंकीसुबहसेशामतकपानीकेलिएलंबीकतारलगानीपड़तीहै।ऐसेमेंलोगोंकोपानीकेलिएकाफीपरेशानियोंकासामनाकरनापड़ताहै।इनसेट
शहरमेंउपलब्धनलकापानीपीनेयोग्यनहीं
शहरमेंउपलब्धनलकापानीपीनेयोग्यनहींरहगयाहै।लोगोंकाकहनाहैकिबरसोंसेलगेपाइपजंगलगकरखराबहोचुकेहैं।जिससेनलसेगिरनेवालापानीपीनेयोग्यनहींहोताहै।सबसेबड़ीदिक्कतशहरमेंआएमरीजोंऔरजरूरतमंदलोगोंकोहोतीहै।जिन्हेंचौकचौराहेपरशुद्धपेयजलकेलिएइधरउधरभटकनापड़ताहै।इसकेबावजूदभीशुद्धपेयजलनसीबनहींहोताऔरउन्हेंदुकानोंसेपानीखरीदकरपीनापड़ताहै।इनसेट
स्कूलमेंभीशुद्धपेयजलकीनहींपर्याप्तव्यवस्था
इसभीषणगर्मीमेंपानीजहांलोगोंकोजीनेकासहाराबनीहै।वहीं,स्कूलमेंभीछात्रोंकेलिएशुद्धपेयजलकीव्यवस्थापर्याप्तनहींहै।कहनेकोतोविद्यालयमेंतीनचारचापाकललगेहोतेहैं।लेकिनउनमेंसेअक्सरएकदोखराबहीरहतेहैं।ऐसेमेंचालूहालतवालेचापाकलपरछात्रोंकीभीड़लगीरहतीहै।कभी-कभीछात्रपानीपीनेकेचक्करमेंभीड़केचलतेगिरभीजातेहैं।ऐसीस्थितिमेंछात्रोंकीहोरहीपरेशानीकासहजअंदाजालगायाजासकताहै।
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