सिंधिया का कांग्रेस छोड़ना सिर्फ मौकापरस्ती नहीं, बल्कि गांधी परिवार से प्रतिस्पर्धा की भावना का नतीजा भी है

[ रशीदकिदवई]:ज्योरादित्यसिंधियाकाकांग्रेसछोड़करजानाकेवलराजनीतिकमौकापरस्तीनहीं,बल्किगांधीपरिवारसेप्रतिस्पर्धाकीभावनाकाभीनतीजाहै।भाजपामेंशामिलहोतेवक्तउन्होंनेगृहमंत्रीअमितशाहकेसाथप्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीकीप्रशंसाकरतेहुएकहाकिदेशकाभविष्यउनकेहाथोंमेंसुरक्षितहै।कुछसमयपहलेजबमोदीसरकारनेजम्मू-कश्मीरसेअनुच्छेद370हटानेकाफैसलालियाथातोसिंधिया उनकांग्रेसीनेताओंमेंप्रमुखथेजिन्होंनेइसफैसलेकास्वागतकियाथा।ज्योतिरादित्यसिंधिया कहींनकहींअपनेआपकोराहुलगांधीसेअधिकसक्षममानतेहैंऔरइसेवहदेशकेसमक्षप्रदर्शितभीकरनाचाहतेहैं।

राहुलगांधीऔरज्योतिरादित्यसिंधियाकास्कूलपढ़ाईसेलेकरराजनीतिमेंआनेतकसफर

राहुलगांधीऔरज्योतिरादित्यसिंधिया बचपनसेएकहीस्कूल-दूनस्कूलमेंगए।इसकेबाददोनोंसेंटस्टीफेंसकॉलेजमेंआए।दोनोंहीबीचमेंअपनीपढ़ाईछोड़करविदेशचलेगएऔरआगेकीपढ़ाईअमेरिकामेंकी।इसकेबाददोनोंहीतकरीबनएकसाथहीसक्रियराजनीतिमेंआए।ज्योतिरादित्यसिंधियाअपनेपितामाधवरावसिंधिया केनिधनकेबाद2001मेंराजनीतिमेंसक्रियहुएऔरराहुलगांधी2003में।इसकेबादज्योतिरादित्यटीमराहुलकेएकसक्रियसदस्यबनगए।राहुलमनमोहनसरकारकाहिस्सानहींबनेतोज्योतिरादित्यभीशुरुआतीदौरमेंमंत्रीनहींबने।गौरतलबबातयहहैकिजहांराहुलस्वेच्छासेमंत्रीनहींबनेवहींज्योतिरादित्यमनमसोसकरमंत्रीबने।

राहुलकेअक्खड़पनकोसिंधियामित्रताऔरशिष्टताकेचलतेव्यक्तनहीकरसके

ज्योतिरादित्यकोराहुलगांधीकाअक्खड़पनअव्यावहारिकलगतारहा,किंतु मित्रताऔरशिष्टताकेचलतेवहअपनीभावनाएंव्यक्तनहीकरसके।2015से2019केबीचज्योतिरादित्यसिंधियाराहुलगांधीकोऔरसक्रियहोनेकोकहतेरहे,लेकिनराहुलकांग्रेसकेअंदरकेसमीकरणऔरचक्रव्यूहकोपारनहींकरसके।

सिंधियालोकसभाचुनावमेंबहुतजोशमेंथे,लेकिनपश्चिमीयूपीमेंकांग्रेसकोएकभीसीटनहींमिली

ज्योतिरादित्यसिंधिया2019केचुनावमेंबहुतजोशमेंथेऔरवहप्रियंकागांधीकेसाथएकटीमबनाकरउत्तरप्रदेशमेंकांग्रेसकोफिरसेखड़ाकरनेकाप्रयासकररहेथे।उत्तरप्रदेशकानतीजाबहुतहीनिराशाजनकरहा।पश्चिमीउत्तरप्रदेशमेंकांग्रेसकोएकभीसीटनहींमिली।वहपश्चिमीउत्तरप्रदेशकेहीप्रभारीथे।इससेअधिकनिराशाजनकयहरहाकिखुदसिंधियाअपनालोकसभाचुनावभीहारगए।

सिंधियानेकभीनहींसोचाथाकिवहगुनासेचुनावहारजाएंगे

वहपहलीबारअपनाखुदकाचुनावहारे।सिंधियानेकभीऐसानहींसोचाथाकिवहगुनासेचुनावहारजाएंगे।दरअसलउत्तरप्रदेशमेंअपनीसक्रियताकेचलतेवहअपनेलोकसभाक्षेत्रपरध्याननहींदेसके।वहपत्नीऔरबेटेकेभरोसेचुनावलड़े।वहचुनावहारेएकऐसेआदमीसेजोएकसमयउनकासंसदीयप्रतिनिधिथा।उन्होंनेउसेविधानसभाकेलिएटिकटनहींदिलायाथाइसलिएवहउनसेअलगहोगयाथा।

राहुलऔरसोनियाचुनावीहारसेसिंधियाकीमन:स्थितिसमझनहींसके

यहचुनावीहारसिंधियाकेदिलऔरदिमागपरगहराअसरकरगई।राहुलऔरसोनियागांधीसिंधियाकीमन:स्थितिसमझनहींसके।यहींसेज्योतिरादित्यभावनात्मकरूपसेकांग्रेससेअलगहोतेगए।मध्यप्रदेशकीराजनीतिऔरखासकरकमलनाथकीअनदेखीनेआगमेंघीडालनेवालाकामकिया।कमलनाथकावहबयानयादकीजिएजिसमेंउन्होंनेकहाथाकिसिंधिया चुनावीवादोंकोलागूकरानेकेलिएअगरसड़कपरउतरनाचाहतेहैंतोउतरजाएं।

पार्टीमेंअपनीउपेक्षादेखसिंधियानेलियाकांग्रेसछोड़नेकानिर्णय

ज्योतिरादित्यकोयहमहसूसहोनेलगाथाकिराहुलऔरसोनियागांधीकांग्रेसकोबदलनेमेंअसमर्थहैंऔरपार्टीमेंसबकुछऐसेहीचलतारहेगा।वहइसनतीजेपरभीपहुंचेकियुवाओंकोकांग्रेसमेंअपनीजोजगहबनानीहैवहआनेवालेसमयमेंनहींबननेवालीऔरकांग्रेसभीभारतीयराजनीतिमेंअपनीसहीजगहबनानेमेंअसमर्थहै।अपनीइसीसोचकेचलतेउन्होंनेकांग्रेससेअलगहोनेकानिर्णयलिया।

कमलनाथसरकारसंकटमें

उनकेसाथउनकेसमर्थकमानेजानेवालेकईविधायकभीकांग्रेसछोड़नेकोतैयारहैं।इनविधायकोंकेकांग्रेसछोड़नेकेकारणहीकमलनाथसरकारसंकटमेंहै।

राजमाताविजयाराजेसिंधियाकाकांग्रेससेएकलंबासंघर्षरहा

ज्योतिरादित्यअपनीदादीराजमाताविजयाराजेसिंधिया कोअपनारोलमॉडलमानतेरहेहैं।राजमाताकाकांग्रेससेएकलंबासंघर्षरहा।आपातकालमेंराजमाताजेलमेंरहीं।यहएकऐसाइतिहासकापन्नाहैजिसेपलटतेहुएसिंधियापरिवारकोयहलगताथाकिइंदिरागांधीनेसाम-दाम-दंड-भेदकाप्रयोगकरतेहुएसिंधियापरिवारकोनीचादिखाया।

सिंधिया परिवारकोराजनीतिमेंलानेकाकामजवाहरलालनेहरूनेकियाथा

यहउल्लेखनीयहैकिसिंधिया परिवारकोराजनीतिमेंलानेकाकामखुदजवाहरलालनेहरूनेकियाथा।जबनेहरूदेशकेप्रधानमंत्रीथेऔरगांधीजीकीहत्याकेबाददेशकेपहलेआमचुनावहोरहेथेतबउन्होंनेफैसलालियाकिसिंधियापरिवारकोसक्रियराजनीतिमेंआनाचाहिए।उन्होंनेजीवाजीरावमहाराजकोसंदेशभेजाकिवहचुनावमेंकांग्रेसकेप्रतिनिधिकेरूपमेंग्वालियरसेचुनावलड़ें।

सिंधियापरिवारकाझुकावहिंदूमहासभाकीओरथा,कांग्रेससेचुनावलड़नाकठिननिर्णयथा

सिंधियापरिवारकाझुकावहिंदूमहासभाकीओरथाऔरकांग्रेससेचुनावलड़नाउनकेलिएकठिननिर्णयथा।यहउसदौरकीबातहैजबगांधीहत्याकांडमेंतरह-तरहकीबातेंकहीजारहीथीं।एकपिस्तौलकाजिक्रहोरहाथाजोकथिततौरपरग्वालियरसेआईथी।इसीमाहौलमेंराजमातादिल्लीगईंऔरनेहरूसेमिलीं।नेहरूनेउनकापरिचयइंदिरागांधी,लालबहादुरशास्त्रीऔरगोविंदबल्लभपंतसेकरायाऔरउन्हेंसक्रियराजनीतिमेंआनेकोप्रोत्साहितकिया।

राजमाताकांग्रेसकेलोकसभाकेप्रतिनिधिकेरूपमें1957और1962मेंचुनावजीतीं

राजमाताकांग्रेसकेलोकसभाकेप्रतिनिधिकेरूपमें1957और1962मेंचुनावजीतीं,लेकिनफिरउनकेडीपीमिश्रसेसंबंधखट्टेहोगएऔरवहफिरभारतीयजनसंघकीतरफचलीगईं।

राजमाताने1967काचुनावजनसंघसेलड़ा, माधवरावनेपहलाचुनावजनसंघसेलड़ाथा

1967काचुनावउन्होंनेजनसंघसेहीलड़ा।उससमयमध्यप्रदेशकेकांग्रेसीमुख्यमंत्रीडीपीमिश्रकीभूमिकावहीरहीजोअभीज्योतिरादत्यकमलनाथकीदेखरहेहैं।ज्योतिरादित्यकेपितामाधवरावभी1971मेंअपनापहलाचुनावजनसंघसेलड़ेथे।बादमेंवहकांग्रेसमेंशामिलहोगए।

(लेखकओआरएफकेफेलोएवंराजनीतिकविश्लेषकहैं)