संत की शरण में ही मिलती है शांति
जागरणसंवाददाता,संजरपुर(आजमगढ़):खानपुरस्थितजयगुरुदेवआश्रममेंआयोजतसत्संगकेतीसरेऔरआखिरीदिनरविवारकोसंस्थाकेराष्ट्रीयउपदेशकसतीशचंद्रमहाराजनेकहाकिसंत-महात्माकासंदेशसभीकेलिएहोताहै।ईश्वरऔरसंतकीशरणमेंजानेसेहीमानवकोशांतिमिलसकतीहै।
कहाकिइसधरापरकोईकौमबनानेयामजहबचलानेकेलिएसंतजन्मनहींलेते,बल्किरूहानियतकोसमझानेकेलिएआतेहैं।आजरहन-सहन,तौर-तरीके,रीति-रिवाजसबअलग-अलगनजरआरहेहैं,लेकिनसबकेअंदरकीरूहानियतएकहीहै।संत-महात्माओंकेचलेजानेकेबादलोगउनकीशिक्षाकोअपनेस्वार्थकीपूर्तिकेलिएमजहबऔरकौमकीशक्लदेकररूहानियतकोबंदकरदेतेहैं।
कहाकिनफरतकीदुनियाछोड़परमात्मासेप्रार्थनाऔरअपनेगुनाहोंकीमाफीमांगनेसेहीमानवजातिकाकल्याणहोसकताहै।व्यक्तिकोशांतिवसुकूनचाहिए,जोकेवलसत्संगमेंमिलेगा।बाबाजयगुरुदेवजीमहाराजकालक्ष्यथाकिएकअच्छेसमाजकानिर्माणहो।इसकेलिएउन्होंनेशाकाहार,सदाचारकाअभियानचलायाजोनिरंतरचलरहाहै।अच्छेसमाजकानिर्माणकेवलवैचारिकपरिवर्तनसेहोगा।
उन्होंनेकहाकियहदेखाजाएकिजिसजगहपरगोशालाबनाहै,वहांपरसरकारद्वाराअनुदानदेनेकेबादऔरकिसचीजकीजरूरतहै।जिसभीगोशालामेंगोवंशकोकिसीप्रकारकीपरेशानीहो,उसकीपूर्तिकीजाए।सत्संगकेआखिरीदिनसतीशचंद्रमहाराजकाप्रवचनसुननेकेलिएकाफीसंख्यामेंलोगपहुंचेथे।किसीकोकिसीबातकीपरेशानीनहो,इसकेलिएफोर्सकीव्यवस्थाकीगईथी।संस्थाकेजिलाअध्यक्षरामचरणयादव,मिठाईलालयादव,रामचंद्र,जेपीयादव,लालचंदयादव,रामसमुझ,सूर्यनाथयादव,सत्यशीलबंधु,दशरथआदिरहे।