सरबशीरपुर के आरक्षित क्षेत्र में थे साढ़े तीन सौ नमकीन पानी के कुएं, वायसराय को जाता था नमक
महावीरयादव,बादशाहपुर
समयकेसाथ-साथजमीनकीप्राकृतिकसंरचनामेंबदलावआतेरहतेहैं।एकसदीपहलेसुल्तानपुरझीलतथाआसपासकेवेटलैंडक्षेत्रकभीनमककेभंडारहोतेथे।यहांकापानीखाराहोताथा।बारिशकेपानीतथाभूमिगतजलमेंलगातारआरहीगिरावटकेसाथक्षेत्रसेभूजलस्तरमेंकमीआतीगई।ब्रिटिशशासनकालमेंफरुखनगरकेआसपाससुल्तानपुरझीलतथासरबशीरपुरमेंबड़ीमात्रामेंनमकतैयारकियाजाताथा।सरबशीरपुरकेएकआरक्षितक्षेत्रमेंकरीबसाढ़ेतीनसौपानीकेकुएंथे।इनकुओंसेनिकालेगएपानीसेनमकतैयारकियाजाताथा।सुल्तानपुरझीलतथासरबशीरपुरमेंतैयारनमकदिल्लीमेंवायसरायतथाअन्यअधिकारियोंकेलिएभेजाजाताथा।
ब्रिटिशहुकूमतने1873मेंयहांसेनमकलेजानेकेलिएफरुखनगरसेसरबशीरपुरतकरेलवेलाइनभीबिछाईथी।फरुखनगरतथासरबशीरपुरमेंरेलवेस्टेशनथे।1873मेंबनाएगएरेलवेस्टेशनोंमेंसेफरुखनगररेलवेस्टेशनतोआजभीआबादहै।सरबशीरपुरकेस्टेशनकेखंडहरभारीजंगलकेबीचदिखाईदेतेहैं।फरुखनगरसेसरबशीरपुरतकबिछाईगईरेलवेलाइनरेलविभागनेकाफीसमयपहलेउखाड़ली।
नमककाकारोबारकरनेवालोंकेवंशजआजभीहैंमौजूद
सरबशीरपुरतथासुल्तानपुरकेआसपासकेक्षेत्रमेंनमकतैयारकरनेकाकामहोताथे।सरबशीरपुरबेचिरागमौजा(जिसबस्तीमेंकोईनहींरहता)है।राजस्वरिकार्डमेंसरबशीरपुरकानामदर्जहै।सरबशीरपुरका347एकड़रकबापूराआरक्षितवनक्षेत्रहै।कबसेआबादीनहींहै,इसकाजिक्रराजस्वरिकार्डमेंभीनहींहै।
फरुखनगरकेकिसाननेतारावमानसिंहबतातेहैंकिसरबशीरपुरमेंनमकनिकालनेकेलिएएकबिरादरीकेलोगकामकरतेथे।वहनमकतैयारकरनेकेलिएसरबशीरपुरजातेथे।इनलोगोंकीरिहायशफरुखनगर,सुल्तानपुर,कालियावासयामोहम्मदपुरगांवमेंहीथी।नमककेकारोबारसेजुड़ेलोगोंकेवंशजआजभीइनगांवोंमेंरहतेहैं।
कैसेहोताथानमककाउत्पादन
सरबशीरपुरकेजंगलोंमेंनमकीनपानीहोताथा।नमकउत्पादनकरनेवालेलोगयहपानीनिकालखेतोंमेंमिट्टीकीक्यारीबनाकरउनमेंभरदेतेथे।तेजधूपमेंपानीभापबनकरउड़जाताथा।नमकउनक्यारियोंमेंरहजाताथा।क्यारियोंमेंतैयारनमककोबोरियोंमेंभरकरसरबशीरपुरतथाफरुखनगरकेरेलवेस्टेशनतकपहुंचायाजाताथा।
झीलमेंनमकीनपानीपहुंचानेकीतैयारी
वनविभागनेसुल्तानपुरझीलमेंप्रवासीपक्षियोंकेलिएपानीउपलब्धकरानेकोगुड़गांवकनालकासहारालिया।सुल्तानपुरझीलमेंकाफीसमयसेगुड़गांवकैनालकापानीपहुंचायाजारहाहै।सुल्तानपुरझीलमेंस्थानीयहीनहींविदेशीपक्षियोंकाभीअक्टूबरसेमार्चमाहतकजमावड़ारहताहै।इनप्रवासीपक्षियोंमेंकईप्रजातियोंकेपक्षीरहतेहैं।कुछपक्षीगहरेपानीमेंरहनापसंदकरतेहैं,तोकुछपक्षीकमगहरेपानीमेंरहतेहैं।कईपक्षियोंकोमीठापानीरासआताहैतोकुछपक्षियोंकीपसंदनमकीनपानीहोताहै।नमकीनपानीमेंपक्षियोंकाभोजनमछलीआदिजीव-जंतुभीतेजीसेपलते-बढ़तेहैं।नमकीनपानीकाउपलब्धताकमहोनेकेबादवन्यजीवविभागनेयहांनमकीनपानीउपलब्धकराएजानेकेलिएयोजनाबनाईहै।कुछपरिदोंकेलिएनमकीनपानीकीभीजरूरतहोतीहै।नमकीनपानीझीलमेंभरनेकेलिएविचारकियाजारहाहै।डीपवाटरजोन(गहरेपानीकाक्षेत्र)केसाथलगतेकुछइलाकेमेंशैलोवाटरजोन(उथलेपानीकाक्षेत्र)बनायाजाएगा।इसक्षेत्रमेंनमकीनपानीभरकरनमकीनपानीकेशौकीनप्रवासीपक्षियोंकेलिएबेहतरमाहौलतैयारकियाजाएगा।सुल्तानपुरझीलमेंटेरेसकेचारोंतरफकुछस्थानहै।उसस्थानपरनमकीनपानीभरनेकीयोजनाहै।
एमएसमलिक,अतिरिक्तप्रधानवनसंरक्षक(वन्यजीव)