टपक प्रणाली सिचाई की सबसे उन्नत विधि: डॉ. शेखर
संवादसूत्र,जयनगर(कोडरमा):कृषिविज्ञानकेंद्रजयनगरमें16दिसंबरसेचलरहेजलवायुसमुत्थानशीलकृषिपरराष्ट्रीयपहलकेतहतकिसानोंकाचारदिवसीयप्रशिक्षणगुरुवारकोसंपन्नहोगया।समापनसमारोहकाउद्घाटनकृषिविज्ञानकेंद्रकीप्रभारीडॉचंचिलाकुमारी,कृषिविशेषज्ञडॉसुधांशुशेखर,डॉभूपेंद्रसिंह,रुपेशरंजन,तकनीकीसहायकमनीषकुमार,मुखियाअशोकयादवनेदीपप्रज्वलितकरकिया।किसानोंकोप्रशिक्षितकरतेहुएकृषिविशेषज्ञडॉसुधांशुशेखरनेकहाकिआजजलवायुपरिवर्तनकेइसदौरमें(निकरा)जलवायुसमुत्थानशीलकृषिपरराष्ट्रीयपहलकाफीकारगरसिद्धहोरहाहै।इसकेतहतकिसानअपनेखेतोंमेंटपकसिचाईविधिकोअपनासकतेहैं।उन्होंनेकहाकिटपकसिचाईप्रणालीसिचाईकीउन्नतविधिहैइससेजलकीकाफीबचतहोतीहै।उन्होंनेकहाकियहविधिमिट्टीकेप्रकार,खेतोंकीढाल,जलकेस्त्रोतऔरकिसानोंकीदक्षताकेअनुसारअधिकतरफसलोंमेंअपनायाजासकताहै।इसकेअपनानेसेफसलोंकीपैदावारबढ़नेकेसाथ-साथउपजकीगुणवत्ता,खरपतवारमेंकमीऔरजलकीबचतहोतीहै।आजइसकाप्रयोगकाफीतेजीसेबढ़ताजारहाहैऔरकिसानकाफीसमृद्धहोतेजारहेहैं।उन्होंनेकहाकिसीमितजलसंसाधनऔरदिनोंदिनबढ़तीहुईजलकीआवश्यकतापरपर्यावरणकीसमस्याकोकमकरनेकेलिएटपकसिचाईकाफीकारगरसिद्धहोरहाहै।ढलानवालेक्षेत्रोंमेंयहविधिकाफीकारगरसिद्धहोगा।उन्होंनेकहाकिइसविधिसेपौधोंकोआवश्यकताकेअनुसारहीजलमिलपाताहै।इससे30से40प्रतिशतउर्वरकतथा70प्रतिशतजलकीबचतहोतीहै।वहींकेवीकेकीप्रभारीडॉचंचिलाकुमारीनेटमाटरसेकेचपबनानेकीविधिबताई।उन्होंनेकहाकिमहिलाएंघरमेंहीटमाटरकाउत्पादनकरकेचपबनाकरइसेछोटे-मोटेबाजारोंमेंबेचसकतीहैंजिससेउनकाआयभीबढ़ेगा।उन्होंनेमहिलाकृषकोंकोअपनेघरमेंहीकिचनगार्डनबनानेकीसलाहदीताकिवहघरकेकाममेंलगाएजानेवालेसमयमेंही घरमेंभीसब्जीउत्पादनकरसकतेहैं।किसानोंकोडॉभूपेंद्रसिंह,रुपेशरंजन,तकनीकीसहायकमनीषकुमारनेभीबदलतेमौसममेंबेहतरसब्जीउत्पादनकेतरीकेबताएं।इसअवसरपरकिसानोंकेबीचकईप्रकारकेबीजभीवितरितकिएगए।इसअवसरपरकिसानमुखियाअशोकयादव,जागेश्वरयादव,भीमपंडित,राजेंद्रयादव,कौलेश्वरयादव,रामेश्वरयादव,होरिलयादव,राजकुमारयादव,कौशल्यादेवी,शीलादेवी,आरतीदेवी,रामजन्मदास,रोहितदासआदिउपस्थितथे।