यहां तो समंदर जैसा खारा है पानी
संवादसूत्र,नारखी:यहांतोपानीकीकहानीहीसमुंदरकेसरीखेजैसीहै।नहानेवकपड़ेधोनेकेलिएतालाबकीदौड़लगानीपड़तीहैतोपीनेकेलिएपड़ोसीगांव।1800कीआबादीवालेइसगांवकापानीखाराहै,लेकिनहैंडपंपोंकेखराबहोनेसेवहभीमयस्सरनहींहोपारहा।जागरणटीमनेपड़तालकीतोयहांकानजाराहीकुछऐसाथा।
फीरोजाबादतहसीलकेनारखीब्लॉककाएरई।यहगांवपहलेएटाजिलेकीसीमामेंथा।करीब18सालपूर्वयहगांवफीरोजाबादमेंशामिलहुआ।गांवसे600मीटरदूरतालाबपरग्रामीणप्लास्टिककीकट्टियोंमेंपानीभरकरघरलेजारहेथे।गांवकेदेवेंद्र¨सहकेचेहरेपरमायूसीछाईहुईथी।वहपानीभरकरअपनेघरलेजानेआएथे।उनकाकहनाथायहतोरोजकीकहानीहै।गांवकापानीखाराहै।करीबआठसालपहलेरजवाहेवबंबोंमेंखूबपानीआताथा।उसदौरानतालाबकिनारेएककुआंथा,जिसकेपानीप्रयोगमेंलायाजाताथा।कुआंसूखनेकेबादतालाबकिनारेहैंडपंपलगवालिए,लेकिनभूजलस्तरगिरनेसेवेभीदमतोड़गए।ग्रामीणतालाबकेपानीकोघरलाकरकपड़ेधोनेमेंप्रयोगलारहेहैं।वहींपीनेकेपानीकेलिएकरीबदोकिलोमीटरदूरबाघईगांवकीदौड़लगानीपड़रहीहै।गुरुवारसुबहयहांग्रामीणोंकीभीड़लगीहुईथी।लोगअपनीबारीकेइंतजारमेंखालीबर्तनलिएबैठेथेतोअन्यपानीभररहेथे।सुबहसेशामतकपानीकीजुगाड़मेंहीग्रामीणदौड़लगातेरहतेहैं।ग्रामीणोंकीमानेंतोकईबारअधिकारियोंसेगुहारलगाई,लेकिननतीजासिफररहा।आजतकनतोकोईटंकीलगसकीहैऔरनहीअन्यव्यवस्था।ऐसेमेंयहांकीजनतागांवसेपलायनकरनेकोमजबूरहै।
बुढ़ापेमेंपानीभरनापड़रहाहै।बच्चेछोटेहैं।परिवारकेलिएपानीभरनेमेंपूरादिनगुजरजाताहै।रजवाहेवबंबोंमेंपानीनआनेसेहैंडपंपभीकामनहींकररहे।
सुरेशकुमारपांचसालसेपानीकासंकटहै।प्रधान,डीएम,मुख्यमंत्रीआदिसेगुहारलगाई,लेकिनकोईभीटंकीबनवानेकोतैयारनहींहै।गांवमेंपेयजलकोलोगतरसरहेहैं।
-संजयकुमारगांवमेंपानीखाराहै।बच्चेस्कूलचलेजातेहैं,हमअपनेपतिकेसाथपानीभरनेमेंलगेरहतेहैं।दोपहरमेंकुछसमयअन्यकामकोमिलाहै,शामकोफिरपानीलानेमेंजुटजातेहैं।
-राजश्रीतालाबकेगंदेपानीसेकपड़ेअच्छीतरहसाफनहींहोते।तालाबकापानीनहोतोगांवछोड़नेकोमजबूरहोनापड़ेगा।अगरयहीहालरहातोगांवसेपलायनकरनापड़ेगा।